Sunday, October 19, 2008

यादो के फूल बिखरे बिखरे से हैं
खयलो के डोरे उल्झे उल्झे से हैं
कुछ लफ्ज जो लिखे
गुम गुम से हैं
रास्ते जिन पेर हम साथ चले
सुन सान से हैं
फूल पत्ते और पेङ
सब बेजान से हैं
तुम्हारे मेरे साथ नही होने से
परेशान से है
यादो के फूल ...........
अनु

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