Wednesday, November 19, 2008

जानते हो

जानते हो
दिन चडने के साथ
सूरज भी ताकता है राह तुम्हारी
मेरे साथ साथ
लेकिन तुम हो कि आते ही नही
सूरज भी थक कर शाम को ढल
जाता है
शाम भी मेरी तरह
बुझी बुझी
करती है इंतजार तुम्हारा
लेकिन तुनहो कि आते ही नही
फ़िर तारे आ जाते हैं
मेरा साथ देने के लिए
और तुम्हारा इंतजार करने के लिए
लेकिन तुम फ़िर भी नही आते
चाँद भी मेरी उदासी देख कर
उदास हो जाता है और
अपना सफर तै करता है
लकिन तुम्हारी कोई ख़बर नही
बस कुछ ऐसे ही दिन और रात
कटते रहते हैं
लेकिन तुम आते ही नही!!!!!!!!!!!
अनु.

मुझे याद है

मुझे याद है हर आहात पर तुम्हारे
आने का अहसास होना
मुझे याद है तुम्हारी मुस्कराहट से
कमरे में रौशनी होना
मुझे याद है तुम्हारी हँसी में
मेरी ज़िन्दगी का होना
मुझे याद है तुम्हारी उदासी में
मेरा बेजान होना
मुझे याद है बातों में तुम्हारी
खुशी के गीत होना
मुझे याद है गुस्से में तुम्हारे
मेरे आंसुओं का सैलाब होना
मुझे याद है तुम्हारा सपर्श और
उस में मेरा समा जाना
मुझे याद है तुम्हारा उस दिन का जाना
और अब
मीलों के फासले होना !!!!!!!
मुझे याद है .......

अनु