तन्हाईओं में अपने हैं जो
कुछ टूटे कुछ बिखरे हैं वो
तेरी मेरी आखों के सपने हैं जो
कुछ गैर तो कुछ अपने हैं वो
रातों को साथ साथ चलते हैं जो
यादों के छोट्टे छोटे साए हैं वो
मेरे साथ तेरे साथ चल के आए हैं जो
तन्हाईओं में अपने हैं जो
कुछ टूटे तो कुछ बिखरे हैं वो......
अनु।