Tuesday, October 21, 2008

आज

धुप कुछ ज़्यादा ही चटक लगी आज
तुम्हारी कुछ ज़यादा ही कमी हुई आज
हवा भी बहुत तेज़ चली आज
इस में मेरे आंसुओं की नमी ठी आज
महसूस हुआ हवाएं भी मेरे दुःख में
दुखी हुई आज ......

अनु

याद रखना

आंखों में नमी रखना
ज़िन्दगी में तुम्हारी कमी रखना
दिल में छुपा दर्द होटों पर हसी रखना
हर बात में जिकर तुम्हारा रखना
बस यही है ज़िन्दगी हमारी
दिल का दर्द आंखों में बसाए रखना
टूट कर बिखर न जाएँ इसका तुम
ख्याल रखना
कोई जी रहा है सिर्फ़ तुम्हारे लिए
इस बात को याद रखना

अनु