Friday, March 13, 2009

प्यार

मैंने तुम्हें अपना सर्वस्व दिया
इतना प्यार किया कि ख़ुद को
भुला दिया
हर रिश्ते में बस तुम्हें ही खुदा बना लिया
और तुम ने
मुझे कहीं अपनी बर्बादी का तो कभी
अपने की मौत का जिम्मेवार ठहरा दिया
बहुत ही आसानी से कई दिन पहले अपना रास्ता अलग कर लिया
फिर अकेले चलते चलते थक गए तुम तो
तुम्हारी तन्हाई का इल्जाम भी मुझे दे दिया
मेरी चाहतों का असर अब तुम्हें दिखने लगा कम्
तो उस का भी दोषी मुझे ही बना दिया
जो कभी ख्वाब में भी देखा नही
उस गुनाह का भागीदार मुझे बना दिया
लफ्जों ने तुम्हारे इतने जखम दिए कि
इक इंसान को पत्थर बना दिया!!!!!!!
anu.