Thursday, October 29, 2009

भीगी सी आंखों में भीगा हुआ दर्द है तुम्हारा!
चाहा था ज़िन्दगी में बस इक साथ ही तो तुम्हारा!!
रुकी थी मोड़ पर इन्तजार किया था मैंने तुम्हारा!
लेकिन ठहराव शायद स्व्भाव नही था तुम्हारा!!
अनु

Wednesday, October 28, 2009

सितारे

कवि कहते हैं जिसने भी मोहब्बत की वो आसमान के सितारे हुए
तो मेरे विचार से

मोहब्बत कर आसमान के सितारे हुए
तभी तो ज़मीन पर रहने वालों से दूर हुए
देखने पर तो लगे साथ चलते हुए
लेकिन असल में अपना अलग ही मुकाम लिए हुए
यू हम एक दूसरे के साथ हुए...

अनु