चाय की चुस्कियिआन कहीं खू जाती हैं
जब तुम नही होते हो ।
ज़िन्दगी की रंगीनियाँ फीकी पड़ जाती हैं
जब तुम नही होते हो !
ये फूल , ये कलियाँ मुरझा जाती हैं
जब तुम नही होते हो !
शाम का धुंधलका हो जाता है और भी गहरा
जब तुम नही होते हो !
सुबह की ताजगी भी दिल को उदास कर जाती है
जब तुम नही होते हो !
सर्दियों की धुप भी लगती है चटक
जब तुम नही होते हो !
तुम्हारी यादें सहारा तो बन जाती हैं
लेकिन हर बार ये रुला जाती हैं
जब तुम नही होते हो !
अनु।