अचानक कहीं से एक
तूफ़ान सा आ जाता है
जो मेरे मन को
मेरे शरीर से अलग कर देता है
मैं तिनके को सहारा समझ उसी के साथ हो लेती हूँ
लेकिन तूफ़ान के बहाव मेंवो भी tईव्र्ता से आगे बढ जाता है
और मुझे बेसहारा छोड़ जाता है
गहराई में डूबने के लिए
ज़िन्दगी से झूझने के लिए
ख़ुद से ही लड़ने के लिए
अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए
अचानक कहीं से एक ....
अनु
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