Sunday, January 25, 2009

किरदार


तुम ने जो दर्द दिए ,उन पर भी प्यार ही आया
कुछ इस तरह से हमनें , अपना किरदार निभाया
चाह कर भी तुम से गिला न कर सके हम
सोचा बेशक दर्द देने के ही सही , तुम्हें हमारा ख्याल तो आया
अनु

1 comment:

Hari Joshi said...

घूमते-घूमते दर्द के गलियारे में चले आए
दर्द से निकले;
उसी गलियारे में चले आए

...लिखा अच्‍छा है जी
। ऐसे ही लिखते रहो; फिर आएंगे।