Tuesday, October 21, 2008

याद रखना

आंखों में नमी रखना
ज़िन्दगी में तुम्हारी कमी रखना
दिल में छुपा दर्द होटों पर हसी रखना
हर बात में जिकर तुम्हारा रखना
बस यही है ज़िन्दगी हमारी
दिल का दर्द आंखों में बसाए रखना
टूट कर बिखर न जाएँ इसका तुम
ख्याल रखना
कोई जी रहा है सिर्फ़ तुम्हारे लिए
इस बात को याद रखना

अनु

No comments: