Tuesday, October 21, 2008

आज

धुप कुछ ज़्यादा ही चटक लगी आज
तुम्हारी कुछ ज़यादा ही कमी हुई आज
हवा भी बहुत तेज़ चली आज
इस में मेरे आंसुओं की नमी ठी आज
महसूस हुआ हवाएं भी मेरे दुःख में
दुखी हुई आज ......

अनु

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