Tuesday, November 18, 2008

इन्तजार

इन्तजार !!!! इंतज़ार !!!!!!!
सुबह में दोपहर का
दोपहर में शाम का
शाम में रात का
और रात में फ़िर से सुबह का है
इंतज़ार !!!
झूद है सब बहाने हैं सब
जो तुम्हारी उम्मीद में
दिल ने बनाने हैं अब !!!!!!!!!!

अनु

1 comment:

makrand said...

झूद है सब बहाने हैं सब
जो तुम्हारी उम्मीद में
दिल ने बनाने हैं अब !!!!!!!!!!

bahut sunder rachana
regards